अरनाला किला जो भारत के महाराष्ट्र राज्य में पालघर जिले में स्थित है और अरनाला किले के पास वैतरणा नदी समंदर से मिलती है। इस वजह से यहां खाड़ी पर नजर रखी जाती है। 26 मई 1990 को इसे राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के नाम से भारत सरकार द्वारा घोषित किया गया है।

इस किले में कुल मिलाकर 9 बुरुज हैं। जो काफी बड़े-बड़े हैं। यशवंत बुरुज, गणेश बुरुज, भवानी बुरुज, सुटा बुरूज जैसे अलग-अलग नामों से इन्हें जाना जाता है।
गणेश बुरुज इस किले का सबसे महत्वपूर्ण बुरूज है। क्योंकि इस बुरुज के अंदर किले का दूसरा प्रवेश द्वार है और इस बुरुज में सैनिकों की रहने की व्यवस्था की गई है। अरनाला किला काफी बड़ा है यह तकरीबन 10 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है।
इस किले कि तटबंदी 10 मीटर ऊंची और काफी मजबूत तटबंदी है। यह किला अलग-अलग राजाओं के साम्राज्य का हिस्सा भी रहा है।
अरनाला किला – पालघर
अरनाला किले के मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों बाजू से बुरूज है जो किले को मजबूत रखने में काफी मदद करते हैं। किले के प्रवेश द्वार पर हमें हाथी और शेर की शिलालेख देखने को मिलते हैं।
किले के अंदर हम तटबंदी के ऊपर से चारों तरफ घूम सकते हैं। किले के अंदर भगवान त्रिंबकेश्वर और भवानी माता का मंदिर है। भगवान त्रिंबकेश्वर के मंदिर के आगे एक अष्टकोण पानी का कुआं है।
किले के अंदर कुल मिलाकर छह कूएँ है। किले के बाहरी इलाके में एक हनुमंत बुरुज है। जो काफी बड़ा है। जहां से सैनिक चारों तरफ देखरेख भी करते थे।
यह किला एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां पर पर्यटक इतिहास देखने और जानने के लिए आते हैं।
अरनाला किला कैसे पहुंचे ?
अरनाला किला पहुंचने के लिए हमें रेलवे के माध्यम से विरार रेलवे स्टेशन पहुंचना है और वहां से हमें बस या CAB के जरिए 10 कि.मी की दूरी तय करके अरनाला गांव पहुंचना है और वहां से समुद्र तट जाकर नाव या होडी के माध्यम से अरनाला किला पहुंच सकते हैं।
टिप्पणी :-
- अरनाला किले के आसपास आपको खाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा तो आप खाना घर से ही खाकर जाइए।
- किले पर कहीं भी थूंकने के लिए या फिर कूड़ा फेंकने के लिए सख्त मनाई है
- ( स्वच्छ भारत सुंदर भारत )