जनार्दन स्वामी मंदिर – वर्कला

जनार्दन स्वामी मंदिर - वर्कला

जनार्दन स्वामी मंदिर – वर्कला जो केरल के त्रिवेंद्रम में वरकला में स्थित 2000 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर को वर्कला मंदिर से भी जाना जाता है। जनार्दन स्वामी जो भगवान विष्णु के ही एक रूप थे। यह मंदिर वर्कला रेलवे स्टेशन से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर काफी सुंदर है, वर्कला बीच के पास में ही यह मंदिर आता है और यहां पर काफी सारी जड़ी बूटियां पाई जाती है, जिससे औषधि बनाया जाता है। इस मंदिर के परिसर में आयुर्वेदिक औषधियों के पेड़ भी है।

इस मंदिर को भारत के दक्षिण की बनारस भी कहा जाता है। जनार्दन स्वामी मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए हमें सीडियों की लंबी लाइन को चढ़ना पड़ेगा, उसके बाद भगवान के चरणों में हम पहुंचते हैं। मंदिर में प्रवेश करते ही हमें दोनों तरफ से हनुमान और गरुड़ की मूर्तियां देखने को मिलती है और थोड़ा आगे जाते ही हमें भगवान जी का दर्शन होता है।

इस मंदिर की आर्किटेक्चर काफी सुंदर है। जनार्दन स्वामी मंदिर को उमायम्मा रानी के शासन काल में सुधारा गया था। उमायम्मा रानी ने 1677 से 1684 के दौरान इस मंदिर इस क्षेत्र पर शासन किया था। चार भुजाओं के साथ विष्णु के सभी गुण मुख्य मूर्ति में है।

जनार्दन स्वामी मंदिर - वर्कला
जनार्दन स्वामी मंदिर – वर्कला

जनार्दन स्वामी मंदिर के त्योहार

केरल के समुद्र तट शहर वर्कला में जनार्दन स्वामी मंदिर में 10 दिवसीय अरट्टू उत्सव हर साल मार्च और अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। यहां पर इस त्यौहार के अलावा भगवान विष्णु के अवतारों के प्रकट होते हुए दिन पर राम नवमी, अष्टमी रोहिणी, नरसिम्हा जयंती जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। भगवान विष्णु को एकादशी और गुरुवार प्रचलित प्रथा के अनुसार समर्पित है। 

जनार्दन स्वामी मंदिर का इतिहास

सालों पहले भगवान ब्रह्मा पूर्वी पृथ्वी पर अग्नि यज्ञ करने आए थे। ब्रह्मा जी ने इस यज्ञ को वर्कला में पूर्ण किया। ब्रह्मा जी यज्ञ करने में इतने व्यस्त हुए कि ओ उनका कार्य ही भूल गए थे, तब भगवान विष्णु जी एक बूढ़े व्यक्ति के रूप में ब्रह्मा जी को याद दिलाने के लिए वर्कला आए थे। भगवान विष्णु ब्रह्मा जी के ब्राह्मणों से प्राप्त हुए और उन्होंने भोजन कराया लेकिन वह बूढ़े व्यक्ति मतलब विष्णु जी का पेट नहीं भर रहा था। यह सब कुछ बातें भगवान ब्रह्मा को उनके सहायकों ने बताया और भगवान ब्रह्मा समझ गए कि अतिथि के रुप में खुद भगवान विष्णु आए हैं।

उसके बाद ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु से हाथ जोड़े और बोले अगर आप इसे खाते हैं तो अंतिम प्रलय दुनिया को निगल जाएगा। तब भगवान विष्णु ने भगवान ब्रह्मा से यज्ञ रोककर अपनी नौकरी का अनुरोध करने के लिए कहा और भगवान विष्णु जी ने अपना विश्वरूप दिखाया। वैसे श्री जनार्दन स्वामी मंदिर का इतिहास काफी बड़ा है। अगर आप चाहो तो यहां पर आकर इस मंदिर की हर एक चीज को देख सकते हो और ऐतिहासिक चीजों को भी जान सकते हो। 

जनार्दन स्वामी मंदिर - वर्कला

जनार्दन स्वामी मंदिर वर्कला कैसे पहुंचे ?

यह 2000 साल पुराना मंदिर केरल राज्य के तिरुअनंतपुरम जिले के वर्कला में एक चोटी पर स्थित है। वरकला से ऑटो के जरिए आप श्री जनार्दन स्वामी मंदिर पहुंच सकते हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *