तिरुअनंतपुरम के सबसे लोकप्रिय और सुंदर पर्यटन स्थल – THIRUVANANTPURAM most beautiful places :- केरल राज्य की राजधानी है तिरुअनंतपुरम को त्रिवेंद्रम के नाम से भी जाना जाता है। तिरुअनंतपुरम केरल राज्य का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहां आपको प्राकृतिक सुंदरता और हरे जंगल जैसे काफी अलग अलग अनुभव देखने को मिलेंगे। तिरुअनंतपुरम को 2015 और 2016 में भारत का सर्वश्रेष्ठ शहर का दर्जा भी दिया गया था।
तिरुअनंतपुरम के सबसे लोकप्रिय और सुंदर पर्यटन स्थल – THIRUVANANTPURAM most beautiful places
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुअनंतपुरम में स्थित है। कहा जाता है यह मंदिर 5000 साल पुराना मंदिर है। जो कि कलयुग के पहले दिन से मौजूद है लेकिन इस मंदिर को त्रावणकोर के महाराजा ने 1733 में पुनर्निर्मित करवाया था। इस मंदिर में कई सालों पहले एक भगवान विष्णु की प्रतिमा पाई है।
जिसमें भगवान विष्णु शेषनाग के ऊपर विराजमान है। भगवान विष्णु की कई सारी यादें इस मंदिर में दिखाई गई है। यह मंदिर हिंदू धर्म का धार्मिक स्थल है। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में हर साल लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर प्राकृतिक रूप से काफी खूबसूरत दिखता है।
केरल में आने वाले पर्यटकों का सबसे लोकप्रिय स्थान श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को माना जाता है। तिरुअनंतपुरम में पर्यटक आते ही श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर आकर दर्शन लेकर आगे की यात्रा पर निकलते हैं। यह मंदिर काफी सुंदर और मनमोहक है अगर आप भी केरल की यात्रा करना चाहते हैं तो श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर जरूर विजिट करें।

पूवर आईलैंड
पूवर आईलैंड काफी खूबसूरत है। आईलैंड में जाना है तो आपको पहले बोटसे बैकवॉटर के जरिए 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर पुअर बीच पर लेकर जाया जाता है। यह बीच के दोनों तरफ से पानी है जिसके कारण इसे पूवर आईलैंड कहा जाता है।
यहां हर साल हजारों पर्यटक विजिट करते हैं और आयलैंड के बीच पर काफी ज्यादा भीड़ नहीं होती जिसके कारण पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं और मजे भी लेते हैं अगर आप भी केरल आरहे हैं तो यहां विजिट कर सकते हैं।
कनककुन्नू पैलेस
कनककुन्नू पैलेस काफी सालों पुराना पैलेस है। यह पैलेस तिरुअनंतपुरम शहर के अंदर है जिसके कारण यहां काफी लोग आते हैं। कनककुन्नू पैलेस काफी सुंदर है जिसके कारण पर्यटकों को तिरुअनंतपुरम की ओर आकर्षित करता है।
कनककुन्नू पैलेस के अंदर आप बड़े-बड़े झूमर अलग-अलग शाही फर्नीचर देख सकते हो। इस पैलेस को अलग-अलग राजाओं ने अलग-अलग तरीके कन्क्कुंनु पैलेसका वापर किया है। यहां पर भी आप विजिट कर सकते हो।
नेय्यर बांध और वन्यजीव अभ्यारण्य
नेय्यर बांध और वन्यजीव अभ्यारण्य दोनों एक-दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं। जैसे अभयारण्य के प्राणी नेय्यर बांध में जाकर पानी पीते हैं। नेय्यर बांध वन्य जीव अभ्यारण्य के अंदर ही है और यह बांध काफी बड़ा है। जिसके कारण यहां पर लोग देखने के लिए और बोटिंग का मजा लेने के लिए भी आते हैं।
यहां पर आपको बोट से डैम के अंदर लेकर जाते हैं और जो प्राणी वहां पर पानी पीने के लिए आते हैं। उनके नजारे आपको देखने को मिलेंगे अगर आप भी नेय्यर बांध आ रहे हो तो दोपहर के टाइम पर आइए जिसके कारण दोपहर के बाद प्राणी पाणी पीने के लिए नेय्यरबांध आते ही आप फोटोज खीच सकते हैं।
शांघुमुघम बीच
शांघुमुघम बीच काफी सुंदर बीच है और इसी कारण यह बीच केरल आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जनवरी से मई महीने में यहां समुंदर देखने लायक होता है।
यह प्राकृतिक रूप से काफी सुंदर बीज है यहां पर्यटक हवाई मार्ग से भी आ सकते हैं क्योंकि यह बीच के पास में ही हवाई अड्डा है और ट्रेन से भी तिरुअनंतपुरम आकर cab यां ऑटो से यहां विजिट कर सकते हैं।
अट्टूकल भगवती मंदिर
भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुअनंतपुरम से अट्टूकल भगवती मंदिर स्थित है। यह मंदिर काफी सुंदर है जिसके कारण यह और भी शोभादाई दिखता है। यहां अट्टूकल भगवती देवी भद्रकाली का रूप है। अट्टूकल भगवती मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव पोंगल उत्सव है।
पोंगल उत्सव कुंभ के महीने में पूर्णिमा और नक्षत्र के मिलन पर मनाया जाता है। यहां पर हर महीने हजारों भावीक दर्शन के लिए आते हैं। तिरुअनंतपुरम में तीर्थ यात्रियों के लिए यह मंदिर सदैव आबाद है। पोंगल उत्सव के दौरान यहां दिनभर भजन और कीर्तन होता है और शाम को कला नृत्य प्रदर्शन होता है यहां पर पर्यटक भी आ सकते हैं और आते हैं।
नेपियर म्यूजियम
केरल राज्य की राजधानी तिरुअनंतपुरम में नेपियर म्यूजियम स्थित है। इस म्यूजियम का नाम मद्रास के गवर्नर जॉन नेपियर के नाम से रखा है इस म्यूजियम की वास्तुकला में आपको भारतीय चीनी केरल और मुगल स्थापत्य शैली का मिश्रण देखने को मिलता है। नेपियर म्यूजियम का निर्माण 19वीं सदी में किया गया था।
इस म्यूजियम में कांस्य प्रतिमाएं मंदिर रथ, प्राचीन आभूषणों और हाथी दांत की बनी वस्तुओं के अलावा भी काफी कलात्मक वस्तुएं मौजूद है यह बाहर से देखने में काफी खूबसूरत है और यह पर्यटकों की पसंदीदा जगह है अगर आपके अगर आप भी केरला आरहे हो तो यहां जरूर विजिट करें।
तिरुअनंतपुरम चिड़ियाघर
तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर केरल राज्य के राजधानी में स्थित है। तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर कुल मिलाकर 55 एकड़ में फैला हुआ है। तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिरण, लंगूर, अजगर, जेब्रा, गेंडा जैसे 75 प्रजातियों के प्राणी और पक्षी मौजूद है।
इस चिड़ियाघर में आपको बड़े-बड़े अजगर भी देखने को मिलेंगे यह चिड़ियाघर 1855 में त्रावणकोर के महाराजा ने बनवाया था और उसके बाद 1995 में इसमें कुछ बनावट भी करी है। अगर आप अलग-अलग प्राणियों को देखना चाहते हो तो आप तिरुअनंतपुरम के चिड़ियाघर जरूर विजिट करें।
हैप्पीलैंड वॉटर थीम पार्क
हैप्पीलैंड वॉटर थीम पार्क यह पार्क काफी पर्यटकों को आकर्षित करता है। हैप्पीलैंड वॉटर थीम पार्क में आपको जाते हो तो हैप्पी होना पड़ता है। इस वाटर पार्क में बूढ़े लोग से बच्चे लोग सभी आ सकते हैं। यहां की पानी की सवारी, स्विमिंग, वर्षा नृत्य और भी काफी सारी चीजें अनुभव कर सकते हैं।
अगर आप यहां बच्चों के साथ आ रहे हो तो आपको और भी मजा आएगा। यहां पर बहुत सारे लोग हॉलीडेज के टाइम पर आते हैं। यहां हर साल लाखों पर्यटक वाटर एक्टिविटी जैसे अलग-अलग अनुभव के लेने आते हैं। आप भी तिरुअनंतपुरम आ रहे हो तो यहां आने की योजना जरूर बना ले।
माद्रे डी डस चर्च
माद्रे डी डस चर्च एक महत्वपूर्ण कैथोलिक तीर्थस्थल है जो वेली की सड़क के किनारे अशांत और सुंदर अरब सागर की पृष्ठभूमि में स्थित है। चर्च का इतिहास 16 वीं शताब्दी के मध्य में वापस खोजा गया है और इसे प्रसिद्ध ईसाई मिशनरी सेंट फ्रांसिस जेवियर की यात्रा के साथ लोकप्रिय बनाया गया था।
चर्च अपने वर्तमान स्वरूप में 1936 में बनाया गया था और इसे वेट्टुकड चर्च के नाम से भी जाना जाता है। चर्च की लोकप्रियता नवंबर के महीने में होने वाले 10-दिवसीय ‘फीस्ट ऑफ क्राइस्ट, द किंग’ उत्सव के कारण है। समारोह के दौरान गतिविधियों में सैकड़ों लोगों का जुलूस शामिल होता है, जो दूसरे अंतिम दिन पूरे पल्ली को मसीह की छवि के साथ कवर करता है। उत्सव के अंतिम दिन एक भव्य दावत दुनिया भर से सभी पंथों के 50,000 से अधिक लोगों को आकर्षित करती है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित, यह चर्च तटीय तिरुवनंतपुरम को सुशोभित करने वाले चर्चों की कतार में एक सुंदर पूजा स्थल है।